love shayari in Hindi

रोज़ रोज़ जलते हैं ,
फिर भी खाक़ न हुए ,
अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी ,
बुझ कर भी राख़ न हुए।


फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए
भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए

वो मुझसे बिछड़ना चाहती थी
मैंने कहा दुआ कर मेरी मौत की।



अधूरी कहानी पर खामोश होठों का पहरा है,
                       °°
     चोट रूह की है इसलिए दर्द जरा गहरा है !


अपनी बाहो में मुझे बिखर जाने दो
सांसों से अपनी मुझे बहक जाने दो,

दिल बेचैन है कब से इस प्यार के लिए
आज तो सीने में अपने मुझे उतर जाने दो...!!!

दो ही गवाह थी मेरी मोहब्बत के,
*वक़्त और वो*
एक गुजर गया, दूसरा मुकर गया।


दिल की खामोशी से सांसो के ठहर जाने तक,
मुझे याद रहेगा वो अजनबी मेरे मर जाने तक।






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